Monday, January 8, 2018

वक्त की नाजुकी में अपने भी जब बेगाने बन जाते हैं।

कुछ पत्थर बन जाते हैं तो कुछ दीवाने बन जाते हैं।।

पीर अंतर्मन के आखिर तरन्नुम के तराने बन जाते हैं।

दिल की बातें लगती हैं जब दिल पे तो #अफ़साने बन जाते हैं।।